आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे कक्षा 10 वी हिंदी “ठेस स्वाध्याय” , इस पाठ का स्वाध्याय हमने बहुत ही आसान भाषा में लिखा है और सभी प्रश्नोत्तर आपकी परीक्षा की तैयारी को आसान बना देंगे।
तो चलिए शुरू करते है , आज का यह पोस्ट जिसका नाम है – ठेस (पूरक पठन) स्वाध्याय ! | Thes Swadhyay Class 10 Hindi Lokbharti
ठेस (पूरक पठन) स्वाध्याय। Thes Swadhyay Class 10 Hindi Lokbharti
ठेस स्वाध्याय
✿ सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :-
1 ] संजाल पूर्ण कीजिए :

उत्तर :-

2 ] कृति पूर्ण कीजिए :
1 )
उत्तर :-

2 )
उत्तर :-

3 )
उत्तर :-

3 ] वाक्यों का उचित क्रम लगाकर लिखिए :
1. सातों तारे मंद पड़ गए।
2. ये मेरी ओर से हैं। सब चीजें हैं दीदी।
3. लोग उसको बेकार ही नहीं, ‘बेगार’ समझते हैं।
4. मानू दीदी काकी की सबसे छोटी बेटी है।
उत्तर :-
1. सातों तारे मंद पड़ रहे हैं।
2. ये मेरी ओर से हैं। सब चीजें हैं दीदी!
3. लोग उसको बेकार ही नहीं, ‘बेगार’ समझते हैं।
4. मानू दीदी काकी की सबसे छोटी बेटी है।
अभिव्यक्ति
‘कला और कलाकार का सम्मान करना हमारा दायित्व है’, इस कथन पर अपने विचारों काे शब्दबद्ध कीजिए ।
उत्तर :-
हर कलाकार की कलाकृति में उसकी अनेक भावनाएँ व संवेदनाएँ छुपी होती है। प्रत्येक कलाकार को अपनी कला से अनंत प्रेम होता है, क्योंकि यही कला उसके सुख, संतोष और कभी-कभी उसके जीवनयापन का भी प्रमुख साधन होती है। ऐसे में यदि कोई कलाकार की कला का सम्मान नहीं करता है, तो यह कलाकार के हृदय के लिए कष्टदायक होता है। अपनी कला का असम्मान देख जितनी पीड़ा कलाकार के हृदय में होती है, उतनी ही खुशी उसे तब होती है जब कोई उसकी कला को अंतर्मन से महसूस कर उसकी प्रशंसा करता है। कलाकार की कला का सम्मान करना ही कलाकार को सम्मान देना होता है। अतः हमें सदैव कला और कलाकार का सम्मान करना चाहिए।
भाषा बिंदू
1 ] कोष्ठक की सूचना के अनुसार निम्न वाक्यों का काल परिवर्तन कीजिए :
◆ अली घर से बाहर चला जाता है । (सामान्य भूतकाल)
◆ आराम हराम हो जाता है । (पूर्ण वर्तमानकाल एवं पूर्ण भविष्यकाल)
◆ सरकार एक ही टैक्स लगाती है । (सामान्य भविष्यकाल)
◆ आप इतनी देर से नाप-तौल करते हैं । (अपूर्ण वर्तमानकाल)
◆ वे बाजार से नई पुस्तक खरीदते हैं । (पूर्ण भूतकाल एवं अपूर्ण भविष्यकाल)
◆ वे पुस्तक शांति से पढ़ते हैं । (अपूर्ण भूतकाल)
◆ सातों तारे मंद पड़ गए । (अपूर्ण वर्तमानकाल)
◆ मैंने खिड़की से गरदन निकालकर झिड़की के स्वर में कहा । (अपूर्ण भूतकाल)
उत्तर :-
1. अली घर से बाहर चला गया।
2. आराम हराम हो गया है।
3. आराम हराम हो चुका होगा।
4. सरकार एक ही टैक्स लगाएगी।
5. आप इतनी देर से नाप-तौल कर रहे हैं।
6. उन्होंने बाजार से नई पुस्तक खरीदी थी।
7. वे बाजार से नई पुस्तक खरीदते रहेंगे।
8. वे पुस्तक शांति से पढ़ रहे थे।
9. सिरचन ने मुस्कराकर पान का बीड़ा मुँह में ले लिया।
10. मैं खिड़की से गरदन निकालकर झिड़की के स्वर में कह रहा था।
2 ] नीचे दिए गए वाक्य का काल पहचानकर निर्देशानुसार काल परिवर्तन कीजिए :
मानू को ससुराल पहुँचाने मैं ही जा रहा था । —- काल
- सामान्य वर्तमानकाल —
- सामान्य भविष्यकाल —
- अपूर्ण भविष्यकाल —
- पूर्ण वर्तमानकाल —
- सामान्य भूतकाल —
- अपूर्ण वर्तमानकाल —
- पूर्ण भूतकाल —
- पूर्ण भविष्यकाल —
उत्तर :-
मानू को ससुराल पहुँचाने मैं ही जा रहा था – अपूर्ण भूतकाल
1. सामान्य वर्तमानकाल | मानू को ससुराल पहुँचाने में ही जाता हूँ। |
2. सामान्य भविष्यकाल | मानू को ससुराल पहुँचाने में ही जाऊँगा। |
3. अपूर्ण भविष्यकाल | मानू को ससुराल पहुँचाने में ही जाता रहूँगा । |
4. पूर्ण वर्तमानकाल | मानू को ससुराल मैंने ही पहुँचाया है। |
5. सामान्य वर्तमानकाल | मानू को ससुराल पहुँचाने में ही गया। |
6. अपूर्ण वर्तमानकाल | मानू को ससुराल पहुँचाने में ही जा रहा हूँ। |
7. पूर्ण भूतकाल | मानू को ससुराल पहुँचाने में ही गया था। |
8. पूर्ण भविष्यकाल | मानू को ससुराल पहुंचाने में ही जा चुका हूँगा। |
उपयोजित लेखन
‘पुस्तक प्रदर्शनी में एक घंटा’ विषय पर अस्सी से सौ शब्दों में निबंध लेखन कीजिए ।
उत्तर :-
मुझे बचपन से पुस्तकों का शौक रहा है। अपने इसी शौक के कारण मैं जब भी शहर में पुस्तक प्रदर्शनी आयोजित होती, अवश्य जाया करता। हाल ही में हमारे शहर में पुस्तकों की बड़ी प्रदर्शनी आयोजित हुई। मैंने पिताजी से आज्ञा लेकर छुट्टी के दिन उसे देखने जाने की आज्ञा मांगी। उस प्रदर्शनी के अंदर जब मैंने पुस्तकों का अंबार देखा तो मेरी आंखें ख़ुशी से चमक उठी। हर तरफ किताबें ही किताबें । पुस्तकों से मुझे बेहद लगाव था।
मैंने वहां पर अपने पसंदीदा लेखक की किताबें देखनी आरंभ कर दी। प्रदर्शनी में किताबों पर कुछ प्रतिशत की छूट दी जा रही थी। इसे जानकर मैं अधिकाधिक किताबें अपने साथ ले जाने के लिए उल्हासित हो गया था, इसीलिए मैंने साहित्य की लोकप्रिय किताबें खरीद ली। पुस्तक प्रदर्शनी बहुत बड़ी होने के कारण जगह-जगह पर किताबों के रॅक रखे गये थे। ऐसी कम से कम पांच बड़ी-बड़ी रॅक थी, जिसमें छोटी-मोटी सभी किस्म की पुस्तकें लगभग आठ-नौ भाषाओं में उपलब्ध थी। मै आज बहुत खुश थी मुझे मेरी पसंद की पुस्तकें जो मिल गई थी।