Kidney Failure Signs : हेल्थी रहने के लिए हमारे शरीर का हर ऑर्गन महत्वपूर्ण है। किडनी,यानी गुर्दा हमारे शरीर का एक अहम हिस्सा है, जो शरीर से बेकार और जहरीले पदार्थ बाहर निकालने का काम करता है। अगर किडनी में किसी भी तरह की समस्या होती है, तो यह उसकी कार्यक्षमता पर असर डालती है। जब भी शरीर के किसी हिस्से में कोई समस्या होती है, तो वह कुछ संकेत देता है, जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।
किडनी खराब होने के लक्षण – Symptoms of Kidney Failure
पेशाब में बदलाव : किडनी खराब होने से पहले कुछ संकेत देती है, जो आमतौर पर पेशाब में नजर आते हैं। पेशाब में होने वाले बदलाव किडनी की समस्या का संकेत हो सकते हैं। किडनी की कोई भी खराबी आपके हेल्थ के लिए खतरनाक हो सकती है। आइए जानते हैं किडनी खराब होने के लक्षण।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर आपको पेशाब में कोई बदलाव नजर आए, तो इन लक्षणों को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
गहरा भूरा पेशाब
जब आपकी किडनी खराब होने लगती है, तो पेशाब का रंग गहरा भूरा हो जाता है। यह संकेत आंतरिक रक्तस्राव की वजह से हो सकता है।
पेशाब कम आना
अगर आपको एक बार में ठीक से पेशाब नहीं हो पा रहा है, तो यह भी किडनी खराब होने का लक्षण हो सकता है। इस स्थिति में पेशाब कम मात्रा में और कम बार आ सकता है।
पेशाब में खून
कई बार पेशाब में खून दिखाई देता है। इसमें हल्के लाल या गुलाबी रंग के धब्बे नजर आ सकते हैं, जिससे पेशाब का रंग बदल जाता है।
सूजन
अगर आपके टखनों, उंगलियों या चेहरे पर सूजन दिखाई दे रही है, तो यह भी किडनी खराब होने का लक्षण हो सकता है। तो इसे नजरअंदाज न करें।
पेशाब में झाग
अगर पेशाब में बुलबुले या झाग नजर आ रहे हैं, तो यह भी आपकी किडनी में किसी समस्या का संकेत हो सकता है।
सूखी त्वचा
नेशनल किडनी फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, अगर आपकी त्वचा बहुत ज्यादा सूखी है और खुजली हो रही है, तो यह भी किडनी खराब होने का संकेत हो सकता है।
नींद की कमी
जब किडनी ठीक से काम नहीं करती, तो शरीर से जहरीले पदार्थ बाहर नहीं निकलते, जिससे नींद की समस्या हो सकती है। ऐसी स्थिति में खासकर रात में नींद नहीं आती।
स्वस्थ किडनी के लिए कैसे रखें ध्यान?
किडनी को स्वस्थ रखने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे:
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
- नमक का सेवन कम करें।
- अपने वजन को कंट्रोल में रखें।
- ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के लेवल को संतुलित रखें।
- नियमित रूप से एक्सरसाइज करें, खासकर सांस से जुड़े एक्सरसाइज।
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