आज के इस पोस्ट में हम देखेंगे “मन कविता का स्वाध्याय” जो की हिंदी का 4 कविता है। इसी के साथ इस कविता के संपूर्ण प्रश्नोत्तर बहुत ही आसान भाषा में लिखने का प्रयास हमने किया है। जो की परीक्षा की तैयारी में मददगार होंगे।
तो चलिए शुरू करते है , आज का यह नया पोस्ट – मन कविता स्वाध्याय ! | Man Swadhyay Class 10 Hindi Lokbharti
मन स्वाध्याय | Man Swadhyay Class 10 Hindi Lokbharti
मन कविता का स्वाध्याय
✿ सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :-
1 ] लिखिए :
हाइकु द्वारा मिलने वाला संदेश | |
करते जाओ पाने की मत सोचो जीवन सारा। | भीतरी कुंठा नयनों के द्वार से आई बाहर। |
उत्तर :-

2 ] कृति पूर्ण कीजिए :

उत्तर :-

2 ] उत्तर लिखिए :
1. मँझधार में डोले ——-
2. छिपे हुए ——-
3. धुल गए ——-
4. अमर हुए ——-
उत्तर :-
1. मँझधार में डोले – जीवन नैया।
2. छिपे हुए – सितारे
3. घुल गए – विषाद
4. अमर हुए – गीतों के स्वर।
4 ] निम्नलिखित काव्य पंक्तियों का केंद्रीय भाव स्पष्ट कीजिए :
1. चलतीं साथ पटरियाँ रेल की फिर भी मौन।
उत्तर :-
रेल की पटरियाँ अनंत काल से साथ चल रही हैं, परंतु वे सदा मौन रहती हैं। एक-दूसरे से कभी बात नहीं करती।
2. काँटों के बीच खिलखिलाता फूल देता प्रेरणा।
उत्तर :-
गुलाब का फूल काँटों के बीच भी हँसता है, खिलखिलाता है। वह हमें हर पल प्रेरणा देता है कि हमें परेशानियों से घबराए बिना अपना काम करते जाना है।
उपयोजित लेखन
वक्तृत्व प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाने के उपलक्ष्य में आपके मित्र/सहेली ने आपको बधाई पत्र भेजा है, उसे धन्यवाद देते हुए निम्न प्रारूप में पत्र लिखिए :
दिनांक : ……………………….
संबोधन : ……………………….
अभिवादन : ……………………….
प्रारंभ :
विषय विवेचन :
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तुम्हारा/तुम्हारी,
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नाम : ……………………….
पता : ……………………….
ई-मेल आईडी : ……………………….
उत्तर :-
दिनांक : 30/5/2025
प्रिय अभिषेक,
नमस्ते!
तुम्हारा पत्र अभी-अभी मिला। धन्यवाद।
अंतर विद्यालय वक्तृत्व प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाने के लिए तुम्हारा बधाई-पत्र मिला। पत्र पाकर दिल गदगद हो गया। वास्तव में मेरी इस सफलता में तुम जैसे मित्रों का मुझे सदा उत्साह दिलाते रहने का बड़ा हाथ है। तुम तो जानते हो, मंच पर बोलने में मुझे कितनी झिझक होती थी।
पर तुम जैसे मित्रों और हमारे कक्षा अध्यापक के निरंतर प्रोत्साहन से आज मुझे अंतर विद्यालय वक्तृत्व प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने का अवसर मिला है। में इसके लिए तुम जैसे अपने सभी मित्रों और अपने कक्षा अध्यापक राजेश वर्मा जी का तहे दिल से आभारी हूँ।
मेरा, उत्साह बढ़ाने के लिए धन्यवाद!
तुम्हारा मित्र
मनोज यादव।
२४, शांति निकेतन अपार्टमेंट,
नेहरू नगर,
भोपाल
ई-मेल आईडी : [email protected]
मन कविता का सरल अर्थ
1. घना अंधेरा ……………………………. आई बहार।
जब अँधेरा घना होता है, तब प्रकाश और अधिक चमकता है अर्थात जब प्रतिकूल परिस्थितियाँ घने अंधकार के रूप में हमें घेर लेती हैं, तब वहीं से एकाएक प्रकाश की किरणें फूट पड़ती हैं।
हमें पूरा जीवन काम करते रहना चाहिए। यह नहीं सोचना चाहिए कि हमें क्या प्राप्त होगा।
जीवन रूपी नैया यदि संसार रूपी सागर में डगमगा रही है, तो उसे कोई अन्य सँभालने के लिए नहीं आएगा। हमें स्वयं उसे पार लगाने के लिए प्रयास करना होगा।
फागुन का महीना अपने संग बसंत के विविध रंग लेकर आया है। यह समय उल्लास और उमंग का समय है। अतः हम सभी को कुछ समय के लिए चिंताओं और परेशानियों को भूलकर बसंत ऋतु का आनंद लेना चाहिए।
गुलाब का फूल काँटों के बीच भी हंसता है, खिलखिलाता है। वह हमें हर पल प्रेरणा देता है कि परेशानियों से घबराए बिना अपना काम करते जाना है।
जब नेत्रों से अश्रु बहते हैं, तो यह मानना चाहिए कि मन की कुंठा नयन रूपी द्वार से बाहर आ रही है।
2. खारे जल ……………………………. प्यासी ही रही। . . .
जब नेत्रों से अश्रु बहते हैं तो यह समझना चाहिए कि आँसुओं के खारे जल के साथ मन का संपूर्ण विषाद धुल गया है और मन पहले के समान पावन हो गया है।
प्रत्येक मनुष्य के जीवन में अनेक परेशानियाँ हैं, चिंताएँ हैं, और हैं अप्रिय प्रसंग। ऐसे में जीवन रूपी संग्राम में डटे रहना हमारी जिजीविषा का प्रमाण है।
जब आकाश में बादल बहुत घने होते हैं, तभी वर्षा होती है। उसी प्रकार जब मन की पीड़ा बहुत गहरी हो जाती है, तो वह बादल बनकर आँसुओं के रूप में बरसने लगती है।
रेल की पटरियाँ अनंत काल से साथ चल रही हैं, परंतु वे सदा मौन रहती हैं। एक-दूसरे से कभी बात नहीं करती।
सितारे आकाश का शृंगार हैं। वे आकाश की शोभा बढ़ाते हैं। जैसे ही सितारे बादलों की ओट में छिपे, आकाश सूना हो जाता है। ठीक इसी प्रकार कुछ लोग हमारे जीवन में अत्यंत महत्त्वपूर्ण होते हैं। उनके चले जाने पर या विमुख हो जाने पर मानो हमारा जीवन निरर्थक हो जाता है।
कवि के अंदर अनोखी सामर्थ्य होती है। वह जिन गीतों को स्वर देता है, वे अमर हो जाते हैं। इसी प्रकार कवि अपनी रचनाओं के द्वारा समाज में परिवर्तन ला सकता है।
सागर में अथाह जलराशि होती है, परंतु खारा होने के कारण अथाह होने पर भी वह जलराशि पीने योग्य नहीं होती। उसी प्रकार कोई व्यक्ति कितना भी बड़ा या धनवान क्यों न हो, यदि वह किसी जरूरतमंद के काम नहीं आ सकता तो उसका बड़प्पन व्यर्थ है।