खुला आकाश (पूरक पठन) स्वाध्याय | Khula Aakash Swadhyay | Khula Aakash Solutions Class 10 Hindi

Khula Aakash Swadhyay Class 10 Hindi Lokbharti
Khula Aakash Class 10 Chapter 7 Solutions
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आज के इस खास पोस्ट में हम जानेंगे कक्षा 10 वी हिंदी “खुला आकाश स्वाध्याय” , इस पाठ का स्वाध्याय हमने बहुत ही आसान भाषा में लिखा है और सभी प्रश्नोत्तर आपकी परीक्षा की तैयारी को बहुत मज़बूत बनाएंगे।

तो चलिए शुरू करते है , आज का यह पोस्ट – खुला आकाश (पूरक पठन) स्वाध्याय ! | Khula Aakash Swadhyay Class 10 Hindi Lokbharti

खुला आकाश स्वाध्याय। Khula Aakash Swadhyay Class 10 Hindi Lokbharti

1 ] प्रवाह तालिका पूर्ण कीजिए :
Khula Aakash Swadhyay Class 10 Hindi Lokbharti

उत्तर :-

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2 ] कृति पूर्ण कीजिए :
Khula Aakash Swadhyay Class 10 Hindi Lokbharti

उत्तर :-

1.

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2.

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3 ] आकृति में लिखिए :
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उत्तर :-

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4 ]

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उत्तर :-

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 5 ] लिखिए :

1 )

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उत्तर :-

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2 )

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उत्तर :-

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अभिव्यक्ति

‘जो हम शौक से करना चाहते हैं, उसके लिए रास्‍ते निकाल लेते हैं,’ इसका सोदाहरण अर्थ लिखिए ।

उत्तर :-

जिन कामों या चीजों का हमें शौक होता है, जिसमें हमारी रुचि होती है, उसके लिए हम समय, विधा सब निकाल लेते हैं। रुचि सफलता की वाहक है। हम सभी अपनी रुचि के कामों को करते समय उसमें डूब जाते हैं। उसी का परिणाम होता है सफलता। शिक्षा काल में जिस विषय में हमारी रुचि होती है, उसे पढ़ने में हम सारी रात भी जग लेते हैं, जबकि किसी ऐसे विषय की पुस्तक खोलते ही आँखें नींद से भर आती हैं, जो हमें पसंद न हो।

व्यायाम, तैराकी, बागवानी, चित्रकला, गायन, वादन आदि ऐसे अनेक कार्य हैं, जिनका यदि शौक हो तो मनुष्य घंटों बिताने पर भी उनसे ऊब अनुभव नहीं करता। किसी भी काम में सफलता प्राप्त करने के लिए उसमें रुचि होना परम आवश्यक है। बिना रुचि के आगे बढ़ने की संभावना बहुत कम होती है। जिस काम में हमारी रुचि होती है, उसे करने के लिए हम अपनी सारी ऊर्जा लगा देते हैं। न दिन देखते हैं, न ही रात। थकान शब्द तो मानो हमारे शब्दकोश में कभी था ही नहीं।

1 ] निम्‍नलिखित संधि विच्छेद की संधि कीजिए और भेद लिखिए :
संधि विच्छेद संधि शब्दसंधि भेद
1) दुः +  लभ ————-  ————-
2) महा +  आत्मा  ————- ————-
3) अन् +  आसक्त  ————-  ————-
4) अंतः +  चेतना  ————- ————-
5) सम् +  तोष  ————- ————-
6) सदा + एव  ————- ————-

उत्तर :-

संधि विच्छेद संधि शब्दसंधि भेद
1) दुः +  लभ दुर्लभ विसर्ग संधि
2) महा +  आत्मा महात्मा स्वर संधि
3) अन् +  आसक्त अनासक्त स्वर संधि
4) अंतः +  चेतना अंतश्चेतना विसर्ग संधि
5) सम् +  तोष संतोष व्यंजन संधि
6) सदा + एव सदैव स्वर संधि
2 ] निम्‍नलिखित शब्‍दों का संधि विच्छेद कीजिए और भेद लिखिए :
शब्दसंधि विच्छेदसंधि भेद
1) सज्जन+——————
2) नमस्ते+——————
3) स्वागत+——————
4) दिदर्शक+——————
5) यद्यपि+——————
6) दुस्साहस+——————

उत्तर :-

संधि शब्द संधि विच्छेदसंधि भेद
1) सज्जन सत् + जन व्यंजन संधि
2) नमस्ते नमः+ ते विसर्ग संधि
3) स्वागत सु + आगत स्वर संधि
4) दिग्दर्शक दिक् + दर्शक व्यंजन संधि
5) यद्यपि यदि + यपि स्वर संधि
(vi) दुस्साहस दुः + साहस विसर्ग संधि
3 ] निम्‍नलिखित आकृति में दिए गए शब्‍दों का विच्छेद कीजिए और संधि का भेद लिखिए :
Khula Aakash Swadhyay Class 10 Hindi Lokbharti

उत्तर :-

संधि शब्दसंधि विच्छेदसंधि भेद
दिग्गज’ दिक् + गज व्यंजन संधि
सप्ताह सप्त + अह स्वर संधि
निश्चल निः + चल विसर्ग संधि
भानूदय भानु + उदय स्वर संधि
निस्संदेह निः + संदेह विसर्ग संधि
सूर्यास्त सूर्य + अस्त स्वर संधि
4 ] पाठों में आए संधि शब्‍द छाँटकर उनका विच्छेद कीजिए और संधि का भेद लिखिए ।

उत्तर :-

संधि शब्द संधि विच्छेद संधि भेद
निर्जीव निः + जीव विसर्ग संधि
संभव सम् + भव व्यंजन संधि
उज्ज्व लउत् + ज्वल व्यंजन संधि

     हर किसी को आत्‍मरक्षा करनी होगी, हर किसी को अपना कर्तव्य करना होगा । मैं किसी की सहायता की प्रत्‍याशा नहीं करता। मैं किसी का भी प्रत्‍याह नहीं करता । इस दुनिया से मदद की प्रार्थना करने का मुझे कोई अधिकार नहीं है । अतीत में जिन लोगों ने मेरी मदद की है या भविष्‍य में भी जो लोग मेरी मदद करेंगे, मेरे प्रति उन सबकी करुणा मौजूद है, इसका दावा कभी नहीं किया जा सकता। इसीलिए मैं सभी लोगों के प्रति चिर कृतज्ञ हूँ। तुम्‍हारी परिस्‍थिति इतनी बुरी देखकर मैं बेहद चिंतित हूँ। लेकिन यह जान लो कि-‘तुमसे भी ज्‍यादा दुखी लोग इस संसार में हैं । मैं तुमसे भी ज्‍यादा बुरी परिस्‍थिति में हूँ । इंग्‍लैंड में सब कुछ के लिए मुझे अपनी ही जेब से खर्चकरना पड़ता है । आमदनी कुछ भी नहीं है । लंदन में एक कमरे का किराया हर सप्ताह के लिए तीन पाउंड होता है । ऊपर से अन्य कई खर्चहैं । अपनी तकलीफों के लिए मैं किससे शिकायत करूँ ? यह मेरा अपना कर्मफल है, मुझे ही भुगतना होगा ।’

(विवेकानंद की आत्‍मकथा से)

1 ] कृति पूर्ण कीजिए :

1 )

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उत्तर :-

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2 )

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2 ] उत्‍तर लिखिए :

1. परिच्छेद में उल्लिखित देश —
2. हर किसी को करना होगा —
3. लेखक की तकलीफें —
4. हर किसी को करनी होगी —

उत्तर :-

1. परिच्छेद में उल्लिखित देश — इंग्लैंड
2. हर किसी को करना होगा — अपना कर्तव्य
3. लेखक की तकलीफें — आमदनी कुछ नहीं है और खर्च कई हैं।
4. हर किसी को करनी होगी — आत्मरक्षा

3 ] निर्देशानुसार हल कीजिए :

(अ) निम्‍नलिखित अर्थ से मेल खाने वाला शब्‍द उपर्युक्‍त परिच्छेद से ढूँढ़कर लिखिए :

1. स्‍वयं की रक्षा करना —
2. दूसरों के उपकारों को मानने वाला —

उत्तर :-

1. स्‍वयं की रक्षा करना — आत्मरक्षा
2. दूसरों के उपकारों को मानने वाला — कृतज्ञ

(ब) लिंग पहचानकर लिखिए :

1. जेब —
2. दावा —
3. साहित्य —
4. सेवा —

उत्तर :-

1. जेब — स्त्रीलिंग
2. दावा — पुल्लिंग 
3. साहित्य — पुल्लिंग
4. सेवा — स्त्रीलिंग

4 ] ‘कृतज्ञता’ के संबंध में अपने विचार लिखिए ।

उत्तर :-

कृतज्ञता का अर्थ है स्वयं की सहायता करनेवाले के प्रति कृतज्ञ होना। यह प्रार्थना, श्रद्धा, साहस, संतोष, प्रेम और परोपकार जैसे सद्गुणों के विकास की आधारशिला है। कृतज्ञता का भाव मानव के अंदर सचरित्र तथा परोपकार की भावना को लंबे समय तक जीवित रखता है । कृतज्ञता इंसानियत और परोपकार की एक स्नेहपूर्ण श्रृंखला है, जो मानव को मानव से जोड़ती है।

यदि किसी के द्वारा किया गया कार्य हमारे लिए सुखकर या हितकारी है, तो उस कार्य के प्रति आभार प्रकट करना मानव हृदय की सुंदर प्रवृत्ति को दर्शाता है। यही विनम्रता दूसरे व्यक्ति को भी सच्चा व्यवहार तथा परोपकार करने के लिए प्रेरित करती है। कृतज्ञता का भाव मनुष्य के हृदय की विशालता व उसके चरित्र को दर्शाता है। अत: कृतज्ञता जैसे श्रेष्ठ मानवीय गुण को अपने जीवन में उतारना चाहिए।

Class 10th Hindi Lokbharti Textbook Solution

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