Heart attack ke lakshan aur ilaj : यह एक गंभीर मेडिकल स्थिति है जिसमें मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाना जरूरी होता है। अगर समय पर इलाज न मिले, तो जान का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए एक्सपर्ट्स कहते हैं कि हार्ट अटैक के हल्के लक्षणों को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सही समय पर इलाज मिलने से हार्ट को नुकसान से बचाया जा सकता है और मरीज की जान बचाई जा सकती है।
हार्ट अटैक के लक्षणों को पहचानना बहुत महत्वपूर्ण है। ये लक्षण हर व्यक्ति में अलग हो सकते हैं। यह जरूरी नहीं कि हर हार्ट अटैक अचानक सीने में तेज दर्द के साथ शुरू हो, जैसा कि अक्सर माना जाता है।
कई बार ये लक्षण हल्के दर्द और बेचैनी से धीरे-धीरे शुरू हो सकते हैं। ये तब भी महसूस हो सकते हैं जब आप आराम कर रहे हों या किसी काम में व्यस्त हों। लक्षणों की गंभीरता आपकी उम्र, लिंग और स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करती है।
हार्ट अटैक के सामान्य लक्षणों में सीने में दबाव या निचोड़ने जैसा दर्द शामिल है, जो बेचैनी पैदा करता है। यह दर्द कुछ मिनटों तक रहता है या फिर चला जाता है और बाद में वापस आ सकता है। इसके अलावा, यह दर्द और बेचैनी छाती से निकलकर शरीर के अन्य हिस्सों, जैसे एक या दोनों हाथों, पीठ, गर्दन, पेट, दांत और जबड़े तक फैल सकता है।
मरीजों को ठंडा पसीना, उलटी या मिचली, चक्कर, घबराहट, अपच और थकान जैसी समस्याएं भी महसूस हो सकती हैं। महिलाओं में, पुरुषों के मुकाबले, गर्दन, कंधे, पीठ के ऊपरी हिस्से या पेट में दर्द जैसी समस्याएं होने की संभावना अधिक होती है।
एक्सपर्ट के अनुसार, हार्ट अटैक आमतौर पर 15 मिनट से ज्यादा समय तक सीने में दर्द पैदा करता है। कुछ लोगों को सीने में हल्का दर्द महसूस होता है, जबकि अन्य को ज्यादा गंभीर दर्द होता है। इस दर्द को अक्सर दबाव या भारीपन के रूप में महसूस किया जाता है, हालांकि कुछ व्यक्तियों को सीने में दर्द या दबाव महसूस नहीं होता।
कुछ लोगों को हार्ट अटैक अचानक आता है, लेकिन कई बार इससे पहले कुछ दिन या घंटों में चेतावनी के लक्षण दिखने लगते हैं। अगर हार्ट अटैक हो, तो आपको तुरंत नीचे बताए गए कदम उठाने चाहिए।
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1. इमरजेंसी नंबर पर कॉल करें
अगर किसी को हार्ट अटैक हो, तो सबसे पहले आपको इमरजेंसी हेल्पलाइन पर कॉल करना चाहिए। अगर एम्बुलेंस या आपातकालीन वाहन तुरंत नहीं मिल पाता, तो किसी दोस्त या पड़ोसी से मदद लें और उन्हें आपको नजदीकी अस्पताल ले जाने के लिए कहें। आपकी स्थिति खराब हो सकती है, इसलिए खुद गाड़ी चलाने की कोशिश न करें।
2. एस्पिरिन (Aspirin) लें
अगर आपको हार्ट अटैक हो, और एम्बुलेंस आने में समय लगे, तो एस्पिरिन को चबाकर निगल लें। एस्पिरिन खून के थक्के बनने से रोकता है और दिल को होने वाले नुकसान को कम कर सकता है। यह दर्द और सूजन को भी घटाता है। आप इसे किसी भी मेडिकल स्टोर से खरीद सकते हैं। लेकिन, अगर आपको एस्पिरिन से एलर्जी है या डॉक्टर ने इसे न लेने को कहा है, तो इसे न लें।
3. नाइट्रोग्लिसरीन (Nitroglycerin) लें
अगर आपके डॉक्टर ने आपको नाइट्रोग्लिसरीन लेने के लिए कहा है, तो इसे तुरंत लें। यदि आपको लगता है कि हार्ट अटैक हो रहा है और आपके डॉक्टर ने आपको पहले से नाइट्रोग्लिसरीन दिया है, तो इसे जैसे बताया गया है वैसे लें, जब तक कि इमरजेंसी मदद न पहुंच जाए। यह दवा आपकी हालत को बेहतर बना सकती है।
4. डिफाइब्रिलेटर का इस्तेमाल करें
अगर मरीज बेहोश हो और आपके पास ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर (AED) हो, तो इसे इस्तेमाल करें। डिवाइस के निर्देशों का पालन करते हुए इसे उपयोग में लाएं। यह उपकरण तब मदद करता है जब दिल की धड़कन असामान्य हो जाती है। कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक जैसी गंभीर स्थितियों में यह काफी असरदार होता है।
5. सीपीआर (CPR) दें
अगर मरीज बेहोश हो, सांस न ले रहा हो या नाड़ी न महसूस हो, तो तुरंत इमरजेंसी सहायता को कॉल करें और सीपीआर शुरू करें। छाती के मध्य हिस्से पर तेज और मजबूत दबाव डालें। यह प्रक्रिया 100 से 120 बार प्रति मिनट की दर से करें। इससे मरीज का रक्त प्रवाह बना रहेगा जब तक मेडिकल मदद न आ जाए।