बचपन से ही बच्चों को खिलाएं ये चीजें, शरीर और दिमाग रहेंगे मजबूत और स्वस्थ

बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए सही खाना बहुत ज़रूरी होता है। इस दौरान माता-पिता की भूमिका सबसे अहम होती है। यह माता-पिता और घर के बड़े-बुजुर्गों की जिम्मेदारी होती है कि वे बच्चों को सेहतमंद खाने की आदत सिखाएं। अगर बचपन में सही खाने-पीने की आदत पड़ जाए, तो ऐसे बच्चे बड़े होकर सेहतमंद, ताकतवर और खुशहाल जीवन जीते हैं।
how to encourage child to eat healthy
Author Image Written by Abhishek Kokate

यह खाना खिलाने से बच्चे रहेंगे सेहतमंद

how to encourage child to eat healthy : बच्चों के शरीर और दिमाग के विकास के लिए सेहतमंद खाना बहुत जरूरी होता है। बचपन में खाया गया खाना उनकी सेहत पर लंबे समय तक असर डालता है। यह वह समय होता है जब बच्चों का शरीर और दिमाग तेजी से विकसित होता है। ऐसे में माता-पिता की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है। माता-पिता और घर के बड़े-बुजुर्गों की जिम्मेदारी है कि वे बच्चों को सेहतमंद खाने की आदत डालें। अगर बचपन में सही खान-पान की आदत विकसित हो जाए, तो बच्चे बड़े होकर स्वस्थ, ताकतवर और खुशहाल जीवन जीते हैं।

बच्चों के लिए पेरेंट्स बनते हैं खाने-पीने के रोल मॉडल

एक्सपर्ट का कहना है कि बच्चों की खाने-पीने की आदतें अक्सर उनके पेरेंट्स से ही मिलती हैं। रिसर्च के अनुसार, जिन बच्चों को रोज हेल्दी खाना दिया जाता है, वे धीरे-धीरे अच्छे आहार की आदत बना लेते हैं। पेरेंट्स को अपने बच्चों को अलग-अलग फल, सब्जियां, साबुत अनाज, कम फैट वाला प्रोटीन और हेल्दी फैट खाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। यह ध्यान रखें कि बच्चों का खाना हेल्दी और स्वादिष्ट दोनों हो।

खाने-पीने की आदतों में पेरेंट्स को बच्चों के लिए एक अच्छे उदाहरण बनना चाहिए। बच्चे अपने माता-पिता की आदतों को आसानी से अपनाते हैं। पेरेंट्स को बच्चों को खाना बनाने में मदद करने के लिए शामिल करना चाहिए और उन्हें हेल्दी फूड के बारे में सरल तरीके से समझाना चाहिए। इस तरह, बच्चे न केवल हेल्दी खाना पसंद करेंगे, बल्कि उसे आसानी से अपनी आदत बना लेंगे।

Medium shot happy family at home
Children should be told about the nutrition they get from their food

बच्चों को उनके खाने से मिलने वाले न्यूट्रिशन के बारे में बताना चाहिए

बच्चों को उनके खाने से मिलने वाले फायदे के बारे में समझाना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही, स्कूल भी बच्चों को यह सिखा सकता है कि खाना हमारी ताकत, मूड और सेहत पर किस तरह असर डालता है। स्कूल में ऐसे प्रोगाम किए जा सकते हैं, जिनमें बच्चों को यह बताया जाए कि हमारा खाना कहां से आता है। इसके लिए बच्चों को खेतों, फार्म हाउस या बागों में ले जाया जा सकता है, जहां वे जान सकते हैं कि फल और सब्जियां कहां से आती हैं और इनसे हमारी हेल्थ को क्या-क्या फायदे होते हैं। इसमें किस प्रकार के न्यूट्रिशन होते है।

Ill girl being examined by the doctor
Children who eat a healthy diet get sick less often

हेल्दी डाइट लेने वाले बच्चे कम बीमार पड़ते हैं

जो बच्चे हेल्दी डाइट लेते हैं, वे कम बीमार पड़ते हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि बैलेंस डाइट लेने वाले बच्चों का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, जिससे वे मानसिक रूप से भी मजबूत रहते हैं। ऐसे बच्चों में मोटापा, डायबिटीज और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम होता है। इसके अलावा, हेल्दी डाइट से उनकी काम करने की क्षमता बढ़ती है, एनर्जी मिलती है और मूड बेहतर रहता है। इसके साथ ही, एक्सरसाइज को भी उनके डेली लाइफ में शामिल करना जरूरी है, ताकि बच्चे खुश और स्वस्थ रह सकें।

बच्चों को दी जाने वाली सही डाइट

बच्चों के लिए सही खान-पान बहुत जरूरी है, क्योंकि यह उनके शारीरिक और मानसिक विकास में मदद करता है। सही खानपान से बच्चों को जरूरत की एनर्जी, स्ट्रेंथ और जरूरी न्यूट्रिशन मिलती हैं, जिससे उनका शरीर और दिमाग अच्छे से काम करते हैं।

बच्चों की डाइट में ये चीजें जरूर शामिल करनी चाहिए:

  • फल – फलों से बच्चों को जरूरी विटामिन, मिनरल्स और फाइबर मिलते हैं, जो उनके विकास के लिए बहुत जरूरी होते हैं।
  • सब्जियां – सब्जियां बच्चों की इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद करती हैं और शरीर को जरूरी फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट देती हैं।
  • दालें, फलियां, सीड्स – ये प्रोटीन और फाइबर के अच्छे स्रोत हैं, जो बच्चों के मसल्स और बोन्स के विकास में मदद करते हैं।
  • अनाज – गेहूं, मक्का, जौ और चावल जैसे अनाज बच्चों को धीरे-धीरे एनर्जी देते हैं और उनका शरीर लंबे समय तक एक्टिव रखता है।
  • मांस, मछली, अंडा – ये प्रोटीन, आयरन और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स से भरपूर होते हैं, जो बच्चों के दिमागी विकास में मदद करते हैं।
  • दूध, दही और पनीर – ये कैल्शियम और प्रोटीन के अच्छे सोर्स हैं, जो बच्चों की बोन्स और दांतों के विकास के लिए जरूरी होते हैं।

इसके अलावा, बच्चों को चपाती, पराठा, चावल, पोहा, ओट्स और बाजरा जैसी चीजें खाने में देनी चाहिए, जो शरीर को धीरे-धीरे एनर्जी देती हैं और बच्चों को लंबे समय तक एनर्जेटिक बनाए रखती हैं। अगर बच्चों का वजन ज्यादा है, तो उन्हें कम फैट वाले चीजें खाने में देनी चाहिए, ताकि उनका वजन कंट्रोल में रहे। इस तरह का बैलेंस डाइट बच्चों को हेल्दी बनाए रखता है।

Little girl eats in a fast food cafe
Children should be prevented from eating such things

बच्चों को ऐसी चीजें खाने से बचाना चाहिए

बच्चों को ऐसी चीजें खाने से बचाना चाहिए, जो उनके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकती हैं। ज्यादा फैट, चीनी और नमक वाली डाइट से बचना जरूरी है, क्योंकि ये बच्चों के विकास और सेहत पर बुरा असर डाल सकती हैं।

कुछ ऐसी चीजें हैं जिन्हें बच्चों को कम से कम खाना चाहिए, जैसे बिस्कुट, पेस्ट्री, चॉकलेट, आइसक्रीम और अन्य मीठी चीजें। ये चीजें बच्चों का वजन बढ़ा सकती हैं और उनका इम्यून सिस्टम कमजोर कर सकती हैं।

इसके अलावा, पैकेज्ड और प्रोसेस्ड फ़ूड से भी दूर रहना चाहिए क्योंकि इनमें ज्यादा नमक और एडिटिव्स होते हैं, जो शरीर के लिए अच्छे नहीं होते। बाहर का खाना और नाश्ता, खासकर जंक फूड, तली हुवी चीजे , बच्चों के लिए ठीक नहीं होती क्योंकि यह शरीर में जरूरी न्यूट्रिशन की कमी कर सकते है और इसे लंबे समय तक खाने से मोटापे या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं हो सकती है।

चाय, कॉफी और ऐसे पदार्थ बच्चों के लिए अनहेल्दी होते हैं, क्योंकि इनमें बहुत मात्रा में कैफीन होता है, जो बच्चों के लिए हार्मफुल हो सकता है।

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Milk and juic
Milk and juice are very important for children’s health

मिल्क और फ्रूट जूस

बच्चों के हेल्थ के लिए दूध और जूस बहुत जरुरी होते हैं, लेकिन इनका चुनाव सही तरीके से करना जरूरी है। एक्सपर्ट के अनुसार, गाय का दूध एक साल की उम्र से दिया जा सकता है, और यह दिमागी विकास के लिए दो साल तक बेहद फायदेमंद होता है। दो साल के बाद, दूध में से फैट निकालकर देना चाहिए। वहीं, पैकेज्ड जूस से बचना चाहिए क्योंकि इनमें चीनी की मात्रा अधिक होती है। इसके बजाय, बच्चों को पूरा फल देना चाहिए, जो न सिर्फ स्वादिष्ट होता है, बल्कि फाइबर से भरपूर होने के कारण कब्ज की समस्या को भी दूर करता है। इस तरह, दूध और जूस के सही तरीके से देने से बच्चों के हेल्दी ग्रोथ में मदद हो सकती हैं।

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Children should be engaged in physical activity

बच्चों को फिजिकल एक्टिविटी करवानी चाहिए

बच्चों को सिर्फ फिजिकल एक्टिविटी हेल्दी रखने में मदद नहीं करती, बल्कि यह उनकी पढ़ाई में भी सुधार ला सकती है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, 3 से 5 साल के बच्चों को रोज़ कम से कम 3 घंटे खेल खेलना चाहिए। वहीं, 6 से 17 साल के बच्चों के लिए रोज़ाना कम से कम 1 घंटा फिजिकल एक्टिविटी करना जरूरी है। सही खानपान के साथ फिजिकल एक्टिविटी को रूटीन में शामिल करने से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास बेहतर होता है, और वे खुशहाल जीवन जीते हैं। यह उनकी सेहत को मजबूत करता है और उन्हें एनर्जी से भरा रखता है।

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Disclaimer :  hindibrave.in ब्लॉग पर दी गई यह जानकारी केवल जागरूकता के उद्देश्य से है। किसी भी डाइट या इलाज को शुरू करने से पहले, यदि आपको कोई स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या है या इलाज की जरूरत महसूस होती है, तो अपने डॉक्टर या किसी एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें, ताकि यह आपकी सेहत के लिए फायदेमंद हो।

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