शाकाहारी लोगों में मोटापा और डायबिटीज क्यों बढ़ रही है? रिसर्च में हैरान करने वाला खुलासा

रिसर्च में यह पाया गया है कि नॉनवेज खाने वालों की तुलना में वेजिटेरियन डाइट अपनाने वाले लोग ज्यादा अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड खाते हैं।
Why obesity and diabetes are increasing among vegetarian people? Research reveals a surprising fact
Author Image Written by Abhishek Kokate

Why are obesity and diabetes on the rise : आजकल Plant-Based Diet का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। कई सेलेब्रिटी भी नॉनवेज छोड़कर प्लांट-बेस्ड डाइट अपनाने लगे हैं। हाल ही में एक रिसर्च में यह सामने आया है कि नॉनवेज खाने वालों की तुलना में वेजिटेरियन लोग अधिक Ultra-Processed Food का सेवन करते हैं। यह जानकारी The Lancet में पब्लिश एक स्टडी “Plant-Based Dietary Patterns and Ultra-Processed Food Consumption: A Cross-Sectional Analysis of the UK Biobank” में दी गई है। आइए इस रिसर्च पुरे विस्तार से समझते हैं।

Ultra-Processed Food क्या है?

Ultra-Processed Food (UPF) ऐसे खाद्य पदार्थ होते हैं जिनमें आमतौर पर कृत्रिम तत्व, प्रिजर्वेटिव, फ्लेवर एन्हांसर्स, रंग, और अन्य रसायन मिलाए जाते हैं। इनका अधिक मात्रा में सेवन स्वास्थ्य पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इनमें ट्रांस फैट, सोडियम और शुगर की मात्रा अधिक होती है, जो दिल की बीमारियों, हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकती है। इन खाद्य पदार्थों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) काफी अधिक होता है, जिससे ब्लड शुगर तेजी से बढ़ता है और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।

Ultra-Processed Food में कैलोरी, चीनी और अनहेल्दी फैट की मात्रा ज्यादा होती है, जो मोटापा और इससे जुड़ी समस्याओं जैसे हाई कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकती है। साथ ही, इन खाद्य पदार्थों में फाइबर की मात्रा बहुत कम होती है, जिससे पाचन प्रक्रिया प्रभावित होती है। इसके परिणामस्वरूप कब्ज और अन्य पाचन संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसके अलावा, Ultra-Processed Food में विटामिन, मिनरल्स और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों की बहुत कमी होती है, जिससे शरीर को जरुरी मात्रा में पोषण नहीं मिल पाता।

कई रिसर्च में यह पाया गया है कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड का ज्यादा सेवन कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है, खासकर पित्ताशय और कोलोरेक्टल कैंसर के मामलों में। इन खाद्य पदार्थों के लंबे समय तक सेवन से न केवल कैंसर बल्कि अन्य गंभीर बीमारियों जैसे कार्डियोमेटाबोलिक विकारों का खतरा भी बढ़ सकता है। इसलिए, बेहतर स्वास्थ्य के लिए इनकी जगह ताजे फल, सब्जियां और पोषण से भरपूर होल फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करना फायदेमंद होता है।

रिसर्च के नतीजे: चौंकाने वाले खुलासे

यूके बायोबैंक प्रोजेक्ट में लगभग 2 लाख लोगों ने भाग लिया। इस अध्ययन में यह पता लगाने की कोशिश की गई कि यूके में रेड मीट खाने वाले, फ्लेक्सिटेरियन, पेस्केटेरियन, वेजिटेरियन और वीगन लोग अल्ट्रा-प्रोसेस्ड और कम प्रोसेस्ड फूड कितना खाते हैं, इनमें फर्क कितना है?

रिसर्च के नतीजे चौंकाने वाले थे। इसमें पाया गया कि वेजिटेरियन लोगों ने रेड मीट खाने वालों की तुलना में 1.3% अधिक अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड खाया। वहीं, वीगन लोगों ने भी रेड मीट खाने वालों की तुलना में 1.2% अधिक अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड का सेवन किया।

Unhealthy Fat और Additives का असर

आज के समय में प्लांट-बेस्ड डाइट जैसे दाल, चावल और अनाज ताजे फल और सब्जियों के बराबरी नहीं कर सकती है।अक्सर जब लोग मांस खाना छोड़ते हैं, तो वे इसकी जगह रेडी-टू-ईट मील या मीट के बदले दूसरे खाने का सेवन करने लगते हैं। इनमें अधिक कैलोरी, अनहेल्दी फैट, नमक, चीनी और दूसरे प्रकार के एडिटिव्स होते हैं, जो सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं।

पहले भी किए गए रिसर्च में यह पाया गया था कि प्लांट-बेस्ड अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स का ज्यादा सेवन दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है। इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) के रीसर्चर्स द्वारा वियना यूनिवर्सिटी (ऑस्ट्रिया) के साथ किए गए रिसर्च में यह पाया गया कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स का अधिक सेवन कैंसर और कार्डियोमेटाबोलिक बीमारियों के खतरे को बढ़ा देता है।

यह भी पढ़े

निष्कर्ष

आजकल प्लांट-बेस्ड डाइट का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है, और कई सेलेब्रिटी भी नॉनवेज छोड़कर इसे अपना रहे हैं। हालांकि, हाल की रिसर्च से यह सामने आया है कि वेजिटेरियन और वीगन लोग नॉनवेज खाने वालों की तुलना में ज्यादा अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड का सेवन करते हैं, जो उनके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इन खाद्य पदार्थों में हाई मात्रा में कैलोरी, शुगर, ट्रांस फैट, और अन्य हानिकारक तत्व होते हैं, जो दिल की बीमारियों, हाई ब्लड प्रेशर, और डायबिटीज के खतरे को बढ़ाते हैं।

इसके अलावा, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स का अत्यधिक सेवन कैंसर और कार्डियोमेटाबोलिक बीमारियों के जोखिम को भी बढ़ा सकता है। इसलिए, हमें अपनी डाइट में ताजे फल, सब्जियां, और पोषण से भरपूर होल फूड्स को प्राथमिकता देनी चाहिए। इससे न केवल हमारा शरीर स्वस्थ रहेगा, बल्कि लंबी उम्र और बेहतर जीवनशैली का अनुभव भी होगा।

इसलिए, यह जरूरी है कि हम अपने खानपान के विकल्पों का सही चयन करें और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स से दूर रहें, ताकि हम स्वस्थ जीवन जी सकें।

Disclaimer :  hindibrave.in ब्लॉग पर दी गई यह जानकारी केवल जागरूकता के उद्देश्य से है। किसी भी डाइट या इलाज को शुरू करने से पहले, यदि आपको कोई स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या है या इलाज की जरूरत महसूस होती है, तो अपने डॉक्टर या किसी एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें, ताकि यह आपकी सेहत के लिए फायदेमंद हो।

Leave a Comment